चिंगारी है नारी

कभी हाथ में ली कटारी है

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Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 08 Mar, 2021 | 1 min read
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जो जीती ही है हर बार

नहीं कभी भी हारी है

वो खिलखिलाती  सदा

हिम्मती सी  नारी  है।।


जौहर के ज्वाला में कूदी

कभी हाथ में ली कटारी है

वो मुखरित,   बलशाली 

चंचल मन  ही   नारी है।


आँचल में खुशियां   सारी

कुपित हो तो  चिंगारी  है

सरसिज तक आकर्षण बनी

वो संगी  साथी  नारी है।।


भार्या बन, कभी दुहिता बन

जिंदगी सदा ही संवारी है।

कुपित हो तो कालिका सी

हर्षित हो तो फुलवारी है।।





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Dr. Pratik Prabhakar

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