छठ क्यूँ

महापर्व छठ की महानता

Originally published in hi
❤️ 1
💬 0
👁 799
Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 20 Nov, 2020 | 1 min read


जय छठी माता, जय दीनानाथ

खड़ी व्रती जल में ,अर्ध्य है हाथ।।

प्रियंवद मालिनि ने संतान पाया

पांडवों ने भी राज्यधन है पाया

आप से ही है दिन आप से रात।

जय छठी माता, जय दीनानाथ।।

है व्रती ने नहाकर सात्विक खाया

मिट्टी से भगवन ,है चूल्हा बनाया

हो आशीष अब हमारे भी साथ।

जय छठ माता, जय दीनानाथ।।

आपने है दिया रोगी को सुकाया

आप से ही धूप दिन और है छाया

हाथ जोड़े व्रती झुके हुए है माथ।।

जय छठी माता, जय दीनानाथ।।

आप सृष्टिप्रकृति भीआप समाया

जिसने पूजा है सब सुख पाया।।

विनती करें, हर भगिनी - भ्रात।।

जय छठी माता, जय दीनानाथ।।

निशासे हम सबने है दीप जलाया

तब जाकर देव हमने दर्शन पाया

किरणें चमके दिखे देव साक्षात।।

जय छठी माता, जय दीनानाथ।।


            




1 likes

Support Dr. Pratik Prabhakar

Please login to support the author.

Published By

Dr. Pratik Prabhakar

Drpratikprabhakar

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.