लिखूँगा कभी
कागज पर नहीं दिल पर
तेरे लवों की लाली
यौवन की हरियाली
मचले अरमान
तेरी पहचान
नयन नक्श
तेरा अक्श
मीठी यादें
मुलाकातें
तेरा कतराना
मुँह फेर लेना
काजल की धारी
फूलों की क्यारी
मादक मुस्कान
लूटता जान
लिखूँगा कभी
खुद में तुझ को।।
लिखूँगा कभी खुद में तुमको
लिखूँगा कभी
कागज पर नहीं दिल पर
तेरे लवों की लाली
यौवन की हरियाली
मचले अरमान
तेरी पहचान
नयन नक्श
तेरा अक्श
मीठी यादें
मुलाकातें
तेरा कतराना
मुँह फेर लेना
काजल की धारी
फूलों की क्यारी
मादक मुस्कान
लूटता जान
लिखूँगा कभी
खुद में तुझ को।।
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