Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 08 Nov, 2020
इश्क़ है
तुम आते हो न दिल धक्क सा रह जाता है जो खामोशी थी हवा, तूफान बन बह जाता है। मुस्कान की चादर ओढ़े होठों पर तैरती  एक अजीब खुशी एक बारगी से इश्क है कानों में धीरे से मेरे कह जाता है।

Paperwiff

by pratikprabhakar

08 Nov, 2020

इश्क़ है

Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

Please Login or Create a free account to comment.