Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 09 Nov, 2020
पता नहीं
कब मिलेगा चैन कब कटेगी रैन पता नहीं हर पल छोड़ जाते लोग साथ अब कब तक थामे कोई हाथ राहों में कितने रोड़े कितने हमने राह मोड़े कब पूरी होंगी ख्वाहिशें पता नही।

Paperwiff

by pratikprabhakar

09 Nov, 2020

पता नहीं, ख्वाहिशें

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