Dr. Pratik Prabhakar
Dr. Pratik Prabhakar 12 Oct, 2021
एक चिंगारी काफ़ी है
भाई मेरे श्रम से हासिल सब तक़दीर से नहीं माँगनी माफी है। दंभ भर, उठ खड़ा हो दिली-आग के लिए एक चिंगारी काफी है

Paperwiff

by pratikprabhakar

12 Oct, 2021

एक चिंगारी काफ़ी

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