कुछ शब्द यूँ ही गले में अटक कर रह गए,
क्यूंकि मैं उन्हें बयां न कर पायी .....
कुछ शब्द यूँ ही पन्नों में खो गए ,
क्यूंकि मैं उन्हें बता न पायी .....
कुछ शब्द यूँ ही यादों में पीछे छूट गए,
जिन्हें मैं दोबारा जी न पायी.....
कुछ शब्द यूँ ही दिल में दबकर रह गए ,
क्यूंकि मैं उन्हें जता न पायी.....
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
इस कविता में अपने विचारों का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है !!!!
आपका बहुत-बहुत आभार अदिति
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