कुछ शब्द (कविता)

दिल की बातें

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AM
AM 13 Jun, 2022 | 0 mins read

कुछ शब्द यूँ ही गले में अटक कर रह गए,

क्यूंकि मैं उन्हें बयां न कर पायी .....


कुछ शब्द यूँ ही पन्नों में खो गए ,

क्यूंकि मैं उन्हें बता न पायी .....


कुछ शब्द यूँ ही यादों में पीछे छूट गए,

जिन्हें मैं दोबारा जी न पायी.....


कुछ शब्द यूँ ही दिल में दबकर रह गए ,

क्यूंकि मैं उन्हें जता न पायी.....




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AaMm

Comments

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  • Aditi Singh · 2 years ago last edited 2 years ago

    इस कविता में अपने विचारों का बहुत ही सुंदर वर्णन किया गया है !!!!

  • AM · 2 years ago last edited 2 years ago

    आपका बहुत-बहुत आभार अदिति

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