मैं ज़मीं, तू मेरा असमां भाग 1

एक खूबसूरत प्रेम कथा जिसके हर मोड़ पर होगा दिल को छू देने वाले प्रेम का एहसास

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AM 15 Jun, 2022 | 1 min read

"शर्मा जी ज़रा तेज़ी से!" उसने फोन पर कहा और अपनी गाड़ी मोड़ दी और वन वे पर उल्टी दिशा में पूरी तेज़ी के साथ दौड़ा दी। उसे आज बहुत जल्दी थी। बात उसके प्यार की थी। ऐसे कैसे जाने देती! वो जल्दबाज़ी में इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पहुँची और अनंत को ढूँढने लगी। पर वो उसे कहीं नहीं मिला। उसने एयरपोर्ट का एक-एक कोना छान मारा पर कुछ भी हाथ नहीं लगा। शायद अनंत की फ्लाइट जा चुकी थी। इसके साथ-साथ उसका प्यार भी जा चुका था उससे बहुत दूर..... एक-एक करके अनंत के साथ बिताए पल उसकी आँखों के सामने आ रहे थे। अंदर ही अंदर वो बहुत अकेला और हारा हुआ महसूस कर रही थी। कुछ था उसके अंदर जो उसे छूटता हुआ-सा महसूस हो रहा था। अब अनंत को मना पाना और उसे अपनी बात समझाना बहुत मुश्किल हो गया था।

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AaMm

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  • AM · 3 years ago last edited 3 years ago

    कैसी लगी आपको ये कहानी? कृपया ज़रूर बताएँ.

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