दोस्तों लिखने के लिए ऑनलाइन प्लैटफॉर्म्स का आना एक बहुत बड़ी क्रान्ति है। मेरे जैसे आम लेखकों के लिए जो गुमनाम हैं पर लिखने का ना सिर्फ शौक है ब्लकि हुनर भी है और ज़रूरी योग्यता भी अर्थात् कल्पनाशीलता और भाषा ज्ञान। हम जैसे लेखक अपनी मौलिक रचनाएँ यहाँ लिखकर स्वयं ऑनलाइन प्रकाशित करा सकते हैं और ये ऑनलाइन माध्यम इतना शक्तीशाली है कि ये हमारी रचनाएँ, हमारे विचार लाखों लोगों तक पहुंचा देता है जिनसे ना तो हम कभी मिले, ना कभी बात की। और हम अपनी रचनाओं के माध्यम से अपने पाठकगण से जुड़ जाते हैं। बिना किसी प्रचार और बिना किसी खर्च के। इसके लिए "पेपरविफ्फ" का बहुत-बहुत आभार और धन्यावाद।" पेपरविफ्फ" के क्रियेटर्स से मैं कहना चाहूँगी की आपने बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण कार्य किया है हम जैसे आम लोगों को ये माध्यम प्रदान करके। आपका बहुत-बहुत धन्यावाद।
अब आते हैं मेरी नयी कहानी "जागरण " पर। मैं पूरे आत्म विश्वास से कह सकती हूँ आपने ऐसी कहानी पहले शायद ही कभी पढ़ी हो। ये कहानी बहुत रोमांचक और रहस्यों से भरी होगी जिसे पढ़ के आपको बहुत आनंद आएगा। इसे लिखने में मेहनत और समय दोनों ही बहुत लगने वाले हैं और बहुत रिसर्च भी करनी होगी इस लिए इसके अगले भाग धीरे-धीरे आयेंगे और समय भी लगेगा। ये कहानी आध्यात्मिक, प्रेम, रहस्य, रोमांच, और काल्पनिक इतिहास पर आधारित होगी पर इसे पढ़के आपको एहसास होगा कि यह भारत के इतिहास से कितनी गहरायी से जुड़ी है। इसमें दो कहानियाँ एक साथ चलेंगी जो दो विभिन्न काल खंड से होंगी। पहली कहानी वर्तमान काल खंड से होगी और यही मुख्य कहानी भी होगी। दूसरी कहानी उस काल खंड की होगी जब हूणों ने भारत पर आक्रमण किया था यानी कि 456-457 ईस्वी में तब महान गुप्त शासक स्कंदगुप्त ने हूणों को पराजित कर भारत से खदेड़ दिया था और उनके आतंक से ना सिर्फ भारत अपितु चीन को भी बचाया था।ये कहानी अधिक-से-अधिक 25 भाग की होगी और हर भाग लंबा होगा।
पर उबाऊ बिल्कुल भी नहीं!
तो दोस्तों मेरी ये कहानी कृपया पढियेगा जरूर!
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