सम्पदा की आँखों के आगे अनंत के साथ बिताए पल घूम-घूम कर आ रहे थे। उसकी खामोश आँखें और बिना कुछ कहे उसका चले जाना। सम्पदा वहीँ ठहर गई थी।
आज से बारह साल पहले.....
एक लड़की बेध्यानी में सड़क पार कर रही थी। उसने देखा नहीं और एक कार बेहद तेज से रफ्तार उसकी तरफ बढ़ी जा रही थी। उसे इस बात का एहसास तब हुआ जब कार बिल्कुल उसके पास पहुँच गयी। कार उसे ठोक कर निकलने ही वाली थी कि तभी उस लड़की को किसीने सड़क के किनारे खींच लिया और कस के पकड़ लिया। लड़की ने डर के मारे अपनी आँखों को बंद कर लीं। थोड़ी देर बाद जब उसने आँखें खोलीं तो देखा कि किसीने अभी भी उसे पकड़ रखा था। लड़की ने उसे देखा। वो कोई 15-16 साल का लंबा-सा लड़का था। वो उसे ध्यान से देख रहा था। जब उसने देखा कि वो भी उसे देख रही है तब उसने उससे बड़े अपनेपन से पूछा " तुम्हारा ध्यान कहाँ था? अभी कार तुम्हें उड़ा देती तो? " उस लड़की ने चिढ़ते हुए कहा "उड़ा देती तो ज़्यादा अच्छा होता। " वो उसे ध्यान से देखने लगा मानो वो कोई पागल हो। "मेरा नाम अनंत है। और तुम्हारा नाम? " उस लड़के ने सामन्य होते हुए उस लड़की से कहा। लड़की ने उसे घूर के देखा और बोली "अब मुझसे ये मत पूछना मेरा नाम क्या है!" फिर खुद ही सामन्य होकर बोली "सम्पदा! सम्पदा नाम है मेरा। "
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