संसार में इस जो चाहें वो मिल जाए तो?
दुनिया न पलट जाये तब!
क्योंकि हर किस्म के लोग हैं यहां,
अच्छे भी, बुरे भी, भले भी, दागी भी।
यहां तो लूट लेते हैं अपनों को भी।
शुरू में सब तो होता है ठीक,
पर कहते हैं
भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं।
आखिर मिलती ही है उनको उनके कुकर्मों की सज़ा,
क्योंकि ऊपरवाला रखता सारे हिसाब-किताब ।
अदिति मिश्रा 'वर्तिका'
31/1/2015
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