सवाल है मेरी जहन का, के कौन हूँ मैं?
उस कयामत नाम की वहम का के कौन हूँ मैं?
कायनात में वस्ल का वजूद नहीं मिलता
वो जिसका वजूद है उसकी रहम का के कौन हूँ मैं?
बार बार गिरता हूँ आखिर कौन उठाता है मुझे
सवाल है उस रहम - ए - करम का के कौन हूँ मैं?
सवाल कई आये गए आदि ये सवाल बड़ा खास लगा
रातें बीत चुकी है सवाल है अहन का के कौन हूँ मैं?
उसकी तेकीकात् बड़े ज़माने से चालू थी
अब सवाल है वक्त के मेरे भरम का के कौन हूँ मैं?
उरूज - ए - रोशनी की दिखाई देती है आदि
आज समझ आया मुझे सवाल मेरे जहन का के कौन हूँ मैं?..
आदि जहन का..... ✍
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सुंदर
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