आदि
09 Jun, 2022
आम
मैं यूँ ही नाकाम हो गया हूँ
क्या अब नज़रों में तेरी मैं आम हो गया हूँ
चल मुझे जीने का खास सलीका सिखा दे
मैं सुबह था, क्या ढलती शाम हो गया हूँ..
Paperwiff
by 2747
09 Jun, 2022
आम
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