सपनों की उड़ान

Sapno ki udaan - motivation poetry

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Yash Saini
Yash Saini 31 Dec, 2022 | 1 min read

बन जा तू भी एक परिंदा

चल उठकर आसमान पार कर,

खुली आँखो से देख तू सपने

चल एक लंबी उड़ान भर !


बोलेंगे लोग उड़ानपर तेरी

तू अनसुना कर , उनकी आदत गंदी हैं !

तू देख ना सपने अपने लिए

आख़िर इनपर थोड़ी पाबंदी हैं !


जो सीमा हैं तेरी उड़ान की

तू उससे उपर उड़ने की सोच ,

जहां मोका मिले खुदके लिए

तू झट से ले उसे दबोच !


क्यूकी यार , सपने तेरे उड़ान तेरी

नाम तेरा होगा पहचान तेरी ,

लेकिन हा , ख़ुदपर हौसला करने से कभी मत डरना

किसी ने सोचा नहीं होगा ,

तुम इतनी लंबी उड़ान भरना !

- यश सैनी

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Yash Saini

yashsaini

Comments

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  • Firdous Khan · 1 year ago last edited 1 year ago

    Bahot khubsurat poetry 💜

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