विचार कभी नष्ट नहीं होते जो भी हम सुनते पढ़ते या लिखते हैं वो कहीं न कहीं हमारे दिमाग में हमेशा के लिए रिकॉर्ड हो जाते हैं। ध्यान रखें क्या पढ़ रहे हैं, क्या बोल रहे हैं, क्या सुन रहे हैं, क्योंकि जो हम सुनते, बोलते, पढ़ते हैं एक दिन वैसे ही बन जाते हैं। अच्छे विचार आपके साथ दूसरों के लिए भी लाभदायी होते हैं। दिमाग में बुरे विचार पालना उस विष के समान है जो हम स्वयं को पिलाते हैं और दूसरों के मरने का इंतजार करते हैं। ध्यान रखिए अगर हम दूसरों को खुद के हिसाब से चलाएंगे। एक दिन वो ही हमारे दुश्मन बन जाएंगे।
सभी को तर्कशक्ति, इच्छाशक्ति और क्रियाशक्ति प्राप्त है एवं अपनी इच्छानुसार उपयोग करते हैं। परतन्त्रता किसी को पसंद नहीं सभी को अपने तरीके से जीना प्रिय है, और होना भी चाहिए। किन्तु स्वतन्त्र इच्छाशक्ति का उपयोग स्वयं या दूसरों को व्यथित करने के लिए करना सर्वथा अनुचित है। इसलिए अपने मित्रों एवं प्रियजनों में जिस किसी मे भी उच्छृंखलता दिखाई पड़े उसे सचेत करना चाहिए।
जीवन में हमें मित्रों की आवश्यकता हमेशा होती है। हर किसी को ऐसा मित्र चाहिए जो उनको समझे और सच्चे सुझाव दे। एक सच्चा मित्र हमेशा आपसे प्यार से ही बात नहीं करेगा। वो आपकी गलतियों पर आपको डांटेगा भी। ये डांट ही उसका आपके लिए स्नेह दर्शाती है। अगर आप उसको डांट से नाराज़ होते हैं तो असल में आप उस मित्र को खो देते हैं। फिर वो आपको कभी किसी भी बात में नहीं टोकेगा।
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