तुम्हारी बहुत याद आती है,
तुम्हारे बिना जीना मुश्किल है
ना दिन में चैन मिलता है
ना रात में करार...
किस बीच राह में छोड़ दिया है
कितना तड़प रही हूं मै....
तुम्हारे लिए
एक तुम हो जिसे मेरी बातों का,
मेरी तकलीफों का
कोई
अहसास नहीं है...
तुम तो ऐसे ना थे...
रोज आते थे मिलने मुझसे रातों में..
हम घंटों एकदूसरे में खोए रहते थे...
रात से कब सुबह होती थी।
पता ही नहीं चलता था....
अब कब से बुला रही हो
तो तुम...
मेरे मीठे सपने
अब आ भी जाओ
इन प्यासी आँखों की
प्यास बुझाओ।
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Waoo
Thank you dear❤️❤️
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