कैसे विश्वास करू तुम्हारा राम...
अब तुम वो राम नहीं जो मुझसे कभी मिले थे। जिसको मैंने प्यार किया... हमारी लव मैरिज को तुमने अपनी घटिया हरकत से हमेशा के लिए खत्म कर दिया है। अब मै तुम्हारे साथ नहीं रह सकती धरा गुस्से में बोली अब हम कभी नही मिलेंगे, मैं जा रही हूं। मेरे पीछे मत आना, ना ही मुझे फोन करना, आज से मेरा तुम्हारा कोई रिश्ता नहीं। अच्छा हुआ जो अभी पता लग गया वरना तुम्हारे कर्मो की सज़ा हमारे आने वाले बच्चे और परिवार को भुगतनी पड़ती।
फिर धरा अपना सामान लेकर वहां से चली जाती हैं। राम उसको रोकने की कोशिश भी नहीं करता। लेकिन धरा उसकी कोई बात नही सुनती
राम के चेहरे पर उदासी हैं और सोच रहा हैं... कि मैंने उस रात इतनी शराब क्यों पी ली कि मुझे होश भी नहीं रहा। बार में अपनी दोस्त जया के साथ उसने शराब पी फिर हमारे बीच जो हुआ वह तो ग़लत ही हुआ। फिर मैंने उसको जो मैसेज किये वह मुझे डिलीट कर देने चाहिए थे। मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई। मुझे जया से मिलने जाना ही नहीं चाहिए था, जया को मुझसे दूर हो जाना चाहिए था। उस समय मुझे क्या हो गया था? मैं इतना कमजोर कैसे हो गया? धरा ने सारे मैसेज,और पिक्चर्स देख लिए। मैंने उसका विश्वास हमेशा के लिए खो दिया। वह लड़की जो अपना सब कुछ छोड़ कर मेरी पत्नी के रूप में मेरे साथ रहती है। मेरे लिए सब कुछ करने को तैयार थी। अब वो मेरे साथ नहीं है, अब क्या होगा हमारे रिश्ते का, सब कुछ खत्म हो गया मेरी गलती के कारण। मेरी दिल्लगी और शराब लत के कारण ही यह सब हुआ और जिसके लिए अब मुझे बड़ी भारी क़ीमत चुकानी पड़ेगी।
धरा अपने साथ मेरी जिंदगी को भी सूना करके चली गयी है, धरा के बिना मेरा होना ना होना बराबर हैं। लेकिन अब पछतावे के अलावा राम के पास दूसरा कोई उपाय नही था धरा को पुनः अपने जीवन में लाने के।लिए...😢😢
आपको मेरी काल्पनिक कहानी पसंद आये तो लाइक जरूर करें।
विनीता धीमान
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