यदि आप आस्तिक हो तो मेरी यह सच्ची कहानी आपके लिए है पढ़े और अपने विचार भी बताए...
मानो तो पत्थर में भगवान है और न मानने वालों के लिए भगवान कुछ भी नही है। जो दिखाई नही देता उसे स्वीकार करना कुछ लोगों की समझ से परे है। भगवान हर कण कण में बसा है, जिसका रूप हर मानव में समाया है, जिसके नाम और काम अलग अलग है। कहते है भगवान हमारे साथ हर पल रहते है लेकिन किस रूप ये कोई नही जानता तभी तो उन्होंने माता पिता, गुरु, दोस्तों, हमदर्द को बनाया जो आपके साथ रहते है। आपको प्यार, अपनापन, सम्मान मिलता है आपकी हरमुराद को भगवान पूरा कर देते है लेकिन कब करेंगे ये सिर्फ भगवान ही जानता है।
आज मैं आपको मेरे मम्मी के भगवान के प्रति विश्वास, प्रेम को बताती हूँ। जो मुझे भगवान की तरफ प्रेरित करती है..... मेरी मम्मी का बचपन से ही पूजा पाठ में विश्वास है। अपने घर मे भगवान शिव, दुर्गा की पूजा को देख कर ही वो बड़ी हुई थी फिर शादी के बाद ससुराल आयी तो पता चला कि मेरे पापा और उनका पूरा परिवार भगवान को नही मानते उनका मानना था कि आपके कर्मो के कारण ही आपको सुख दुख सब मिलता है। इन सबमे भगवान कुछ नही करता...लेकिन मेरी मम्मी कहाँ मानने वाली थी। अपने कमरे की अलमारी में अपने भगवान का छोटा सा मंदिर बना लिया और रोज पूजा करती। हर सास को बहू के आते ही पोते का सुख चाहिए लेकिन पापा मम्मी ने इसके लिए बहुत बार कोशिश की लेकिन हुआ कुछ भी नही। शादी को ढाई साल हो गए और अब मेरी दादी पापा की दूसरी शादी करवाने के पीछे पड़ गयी और कहा कि (मम्मी) ये तो माँ नही बन सकती तो तू ही दूसरी शादी कर ले लेकिन पापा दादी की बात को नही मान रहे थे। लेकिन मेरी मम्मी को चिंता होने लगी फिर तो मम्मी को ऐसी मुश्किल के समय अपनी दादी की बात याद आयी वो कहती थी कि सत्यनारायण भगवान का व्रत जो पूरी श्रद्धा के साथ करता है भगवान उनकी मनोकामना जरूर पूरी करते है।
फिर क्या था... मम्मी ने गुरुवार और पूर्णिमा के व्रत करने शुरू किए मेरी दादी मम्मी को प्रसाद भी बनाने नही देती थी, व्रत के दिन मम्मी को भूखे प्यासे रहते हुए घर का सारा काम करना पड़ता लेकिन दादी को रहम नही आता था। अभी मम्मी को व्रत करते 2 महीने ही हुए थे कि पता चला कि मेरी मम्मी गर्भवती हो गयी है अब तो मेरे पापा भी खुश हो गए फिर मेरी बहन का जन्म हो गया। अब मेरी दादी खुश हो गयी। अब मेरे पापा भी भगवान को मानने लगे गए फिर तो न जाने कितने किस्से हुए जब सब ने साथ छोड़ दिया लेकिन मम्मी के विश्वास हर जगह अपना कारनामा दिखा देता था। जैसे जब मेरे पापा की एक आँख में चोट लगी और डॉक्टर ने कहा कि अब वो नही देख पायेंगे लेकिन आज भी मेरे पापा देख सकते है, और जब मेरे भाई को टायफाइड हुआ और तबियत इतनी खराब हो गयी कि अब मरा उस समय भी मेरी मम्मी का विश्वास जीत गया और मेरे लिए भी जब मेरी शादी के 5 साल बाद जब मैं माँ बनी थी तब सबने आशा छोड़ दी थी, डॉक्टर ने भी कहा कि आपने कोई कमी नही है, तब मेरी मम्मी का ही अपने भगवान पर विश्वास था कि उनकी बेटी को बच्चा जरूर होगा। एक वही थी जिन्होंने मेरे लिए व्रत करें पूजा पाठ कर अपने भगवान को मेरे लिए मना ही लिया और आज मै दो बच्चों की माँ हूँ और अब तो मेरे पापा भी भगवान को मानते है। मेरी मम्मी के लाडू गोपाल ही है जो आज भी हमारे घर परिवार को हर मुश्किलों से बचाये हुए है। और मेरी मम्मी का अपने भगवान पर जो विश्वास है वैसा ही विश्वास मुझे मेरी मम्मी पर है वो इस दुनिया मे मेरे लिए भगवान का जीता जागता रूप है मेरे साथ हमेशा रहती है, मेरी हर मुश्किल के समय जब कोई मेरे साथ नही होता तब भी मेरी मम्मी मेरे साथ होती है मेरी इस भगवान से भी ऊपर मेरी माँ को मेरा शत शत प्रणाम...
हे मेरे भगवान, आगे भी आप हमसब पर, मेरे परिवार और इस पूरी दुनिया पर अपना आशीर्वाद बनाये रखना, हमारे कर्म शुद्ध रखना ताकि हम अपने इसी जन्म में किसी को कोई दुख न दे सके। इस दुनिया मे कितना दुख है...हर कोई किसी न किसी दुख से पीड़ित है लेकिन इस दुख के समय जिसने अपने इष्ट, ईश्वर, खुदा को याद किया है वही सच मे सुखी है। भगवान दिखायी नही देता फिर भी आपके साथ हर पल है... उसे
महसूस करो 🙏🙏
विनीता धीमान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Really very emotional 🙏🙏 jai bihari ji ki
✍️🙏🏻🙏🏻✍️
Thanks radha
Shukriya sandeep ji
Very touching
Thanks babita
बहुत सुंदर लिखा है आपने दीदी
Thank you so much indu..❤️❤️
Please Login or Create a free account to comment.