हमारे जीवन मे कितने रिश्ते हैं... माँ और पिता, भाई बहन, चाचा चाची, मामा मामी, मौसी मौसा, बुआ फूफा, भतीजा भतीजी और ना जाने कितने। इन रिश्तों के इर्द गिर्द घूमती रहती हैं हमारी जिंदगी। संयुक्त परिवार में रहकर रिश्तों की अच्छी खासी अहमियत पता चलती है। और शादी के बाद और भी नए रिश्ते भी बन जाते है। सास, ससुर, देवर, ननद और पतिदेव के साथ नई जिंदगी बहुत सुंदर लगती है। और फिर एक दिन जब डॉक्टर ने मेरे बच्चे की धड़कन को सुनाया उस समय मानो सब कुछ मिल गया ,"खुशी के दो आंसू निकल पड़े"। समय निकलता गया। मेरे बच्चे के साथ मेरा रिश्ता गहरा और गहरा होता गया। उसके पहले स्पर्श से ही दिल मे हजारों लहरें उठने लगी। मन करता है ऐसे ही इसे देखती रहूं जिसने मुझे दुनिया के सबसे हसीन रिश्ते "माँ और बच्चें"के अटूट रिश्ता मुझे दिया है। जिसमें सिर्फ और सिर्फ प्यार है मुझे माँ के उस रूप, रिश्ते, पहचान से मिलवाया है। बच्चे भी कैसे होते है। कभी लगते है बहुत सीधे सादे, कभी चालाक, कभी बातूनी, कभी कुछ भी न बोलने वाले! इनको तो सिर्फ इनकी माँ ही समझ पाती है। माँ बनने के बाद रोज कुछ कुछ ऐसा हो ही जाता है कि ये पल आया, बहुत मजेदार है। कुछ मजेदार पलो को तो हम pics और वीडियो के रूप में सहेजकर अपने पास रख लेते है। सबके साथ फेसबुक और व्हाट्सऐप पर शेयर भी कर लेते है । और फिर जब आपके नौनिहाल बड़े हो जाते है तब आप इन्हे दिखाएं की बचपन में ये कैसी कैसी शरारत करते थे और इनकी वहीं शरारत... कभी हमारे लिए मुसीबत, तो कभी मजेदार पल बन कर रह जाती है।
सच ही तो कहा है कि यदि जिंदगी को जीना है तो अपने अंदर के बच्चे को हमेशा जवान रखो ताकि जीवन मे आने वाली सभी परिस्थितियों, परेशानियों, मुश्किलों में भी आप सदैव अपने आपको हँसता मुस्कुराते हुए ही देखोगे। तभी तो मैं भी अब तक सबसे ज्यादा समय अपने बच्चों के साथ बिताती हूँ और उनके साथ मेरी हर परेशानी मिनटों में दूर हो जाती है।
आप भी अपने रिश्तों के साथ रहो और हमेशा खुश रहिए... विनीता धीमान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice
बहुत सटीक बात कही है आपने। कहानी बहुत सुंदर है।
Thank you babita dear
Thank you indu ji
Beautiful
Thank you sonu ji
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