ख्याली दुनिया से बाहर आ जाओ

हमारे सपने हमारी वास्तविक जीवन से अलग होते है फिरभी इनमें जीना सबको अच्छा लगता है

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 15 Jun, 2020 | 1 min read
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निहारिका उठ जा बेटा, देख सुबह के 8 बज गए है।

अब तेरी शादी होने वाली है, अपनी सास के सामने तू मुझे 8 बजे तक सोकर दिखाना तब मैं मानू...निहारिका की माँ ने कहा 

क्या माँ आप भी, कितना अच्छा सपना देख रही थी। कि मेरी शादी होने वाली है। मेरी सास मुझे लेकर बाज़ार जा रही है और मेरी पसंद के कुर्ते, सैंडिल दिलवा रही है, और मेरे लिए कल्याण ज्वेलर्स से 9 लाख का हार भी लिया... और तो और माँ मेरे लिए बहुत सुंदर लहंगा भी बनवाया है, सिया बुटीक से वो बुटीक जो हमारे इलाके का एक मात्र फैशन बुटीक है। जहाँ एक कुर्ता ही 10 हजार से कम का नही आता। 

सुमित भी कितना खुश था। उसने तो हमारे हनीमून के लिए स्विजरलैंड ट्रिप भी बुक करवा दिया था। माँ एक सबसे बड़ी बात शादी के सभी खर्चे सुमित की घरवालों ने किए उन्होंने हमसे कोई दहेज़ नही लिया। बल्कि सारा खर्चा सुमित के पिताजी ने किया। अभी मेरी विदाई की रस्म ही हो रही थी। तभी मुझे आपकी आवाज आने लगी।

माँ, आपने मेरे सुबह के सपने को तोड़ दिया। कितना अच्छा सपना था। सब कितने खुश थे! मुझे फिर से सोना है! निहारिका ने अपनी माँ से कहा...नही निहारिका, अब नही सोना! अब तुम अपनी ख्याली दुनिया से बाहर आ जा। ये सपने बंद आंखों में ही अच्छे लगते है, लेकिन वास्तविक दुनिया इस काल्पनिक दुनिया से बिल्कुल अलग होती है। लेकिन माँ कुछ देर के लिए ही सही मेरी ये काल्पनिक दुनिया कितनी सुंदर थी। तभी निहारिका का मोबाइल बज उठा। निहारीका ने देखा कि सुमित की कॉल...उसने कॉल रिसीव किया तो सुमित ने कहा कि निहारिका शाम को तैयार रहना। आज मैं अपनी मम्मी पापा के साथ तुम्हारे घर आ रहा हूँ! तुम्हारे माता पिता से अपनी शादी की बात करने... निहारीका खुशी से झुम उठी तभी उसकी माँ ने कहा निहारिका अब तुम तैयार हो जाओ अपनी काल्पनिक दुनिया को वास्तविक दुनिया मे देखने के लिए...

भगवान करें कि मेरी बेटी का हर सपना सच्चा हो ऐसा कह कर निहारिका की माँ ने उसे अपने गले से लगा लिया

दोस्तों हम सब भी कभी कभी अपनी कल्पनाओं के सागर में गोते लगाते है, कितने मजेदार ख्वाब देखते है। लेकिन हमारी कल्पना वास्तविकता में कैसी है। ये असल मे तब पता चलता है। जब हम उस स्थिति में आते है।


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