क्या बात है प्रकासो? आज तो बहुत खुश है... सुबह सुबह मंदिर आ गयी कमला जी ने अपनी सखी से कहा...
हाँ आज सावन का पहला सोमवार है, और तुम्हे तो पता है मुझे भगवान शिव ने सबकुछ दिया है। घर, परिवार, बच्चों का प्यार... बस अब तो मेरी शिवजी से यही प्रार्थना है कि मेरे लाड़ले रवि की बहू आ जाए तो मैं गंगा नहा लुंगी। बहू को अपना घर सौप कर मैं तो काशी चली जाऊंगी... प्रकासो ने कमला जी से कहा।
अरे प्रकासो "तू भी कैसी बात करती है। आज के जमाने मे लड़कियां बहुत तेज,चालाक है और तू तो कितनी भोली है। आज कल की लड़कियों में हमारे जैसी बात नही है। आज कल की आते ही अलग हो जाती है अपने पति के साथ... फिर तू क्या करेगी" जब तेरी बहू तेरे बेटे को लेकर चली जायेगी तब?
नही कमला, मैंने एक लड़की देख रखी है वो मेरे बेटे और मेरे घर परिवार के बिल्कुल अनुरूप है। और तुम देख लेना, "मेरी बहू खरे सोने जैसी होगी" मैं तो उसी को अपनी बहू बनाऊंगी....
अच्छा... तो मुझे भी बता दे कौन है वो? जो तेरी बहू बनेगी कमला ने तपाक से पूछा। हाँ कमला, मैं तुम्हे बताती हूँ वो खुशनसीब लड़कीं कौन है? वो है तुम्हारी बेटी सुमन जिसको मैं और मेरा बेटा दोनो पसंद करते है.. और तुम्हारी बेटी मेरे घर की बहू बनेगी।
क्या कह रही हो तुम... प्रकासो तुमने तो मेरे दिल की बात कह दी। मैं भी आज तुमसे अपनी बेटी के बारे में ही बात करनी वाली थी। मुझे भी तुम्हारा रवि बहुत पसंद है और मैं भी उसे अपना दामाद बनाना चाहती हूं। अब मैं भी कह सकती हूं कि तुम्हारी बहू बिल्कुल खरे सोने जैसी होगी इतना कहकर कमला ने प्रकासो को अपने गले लगा लिया और दोनो सखियों ने इस नए रिश्ते को दिल से स्वीकार कर लिया....
विनीता धीमान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Very nice
Ji shukriya❤️❤️
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