अरे यार, कल तो 1 अप्रैल है आपका इस धरा पर जन्म लेने का दिन मालती ने हँसते हुए अपने पति से कहा... हाँ तुम तो हँस लो सूरज ने थोड़ा गुस्से से कहा | अरे, आप तो गुस्सा हो गए? इसमें मेरी कोई गलती नही है कि सरकार ने कोरोना के कारण पूरा देश बंद कर दिया है। मुझे तो अब चिंता हो रही है कि आपके दोनो बच्चों को केक खाने को नही मिलेगा...इस lockdown में ही आपका birthday आना था इस समय बेकरी की दुकानें बंद है। सूरज अब क्या करेंगे हम मालती ने कहा हम कुछ नही कर सकते, कल तुम सुबह आलू की सब्जी और पूरिया बना लेना बच्चे खुश हो जायेंगे... अगले दिन सुबह मालती और दोनो बच्चों ने सूरज को विश किया बच्चों ने अपने द्वारा बनाये ग्रीटिंग कार्ड दिया तो सूरज खुश हो गए तभी मालती ने कहा आप सब तैयार हो जाये नाश्ता तैयार है।
थोड़ी देर बाद सब तैयार होकर आ गए फिर मालती ने अपने घर के मंदिर से सिंदूर लेकर सुरज के माथे पर तिलक लगाया तो बच्चे बोले मम्मी हमारे भी तिलक लगाओ। दोनो बच्चों के साथ सूरज भी डाइनिंग टेबल पर बैठ गये तभी मालती हाथ मे केक लेकर आई। केक को देखते ही बच्चे खुशी से उछल पड़े। ये केक कौन लाया सूरज ने मालती से पूछा तभी बच्चे भी बोले इस lockdown में मम्मी केक कहाँ से मिला आपको... अब आप तीनो मेरी बात भी सुनोगे ये केक कोई नही लाया, ये मैंने बनाया है अपने हाथों से। अब जल्दी से केक काटो और सब खाकर बताओ कि आपको कैसा लगा ये मैंने पहली बार बनाया है... फिर क्या था बच्चों ने और मालती ने तालियां बजानी शुरू की सूरज ने केक को काटा☺️☺️ फिर सबने खूब खाया। फिर मालती बोली अब मैं आपको बताती हूँ ये केक मैंने सूजी, चीनी और दूध से प्रैशर कुकर में बनाया है। सूरज ने मालती के कंधे पर हाथ रखा और बोला आज से मेरे हर जन्मदिन पर तुम यही केक बनाना... तुम्हारे इस केक ने तुम्हारी ही तरह मेरे दिल की जीत लिया। तभी मालती ने कहा मुझे इस lockdown में पति का जन्मदिन हमेशा याद रहेगा कि कैसे हमने अपने परिवार के साथ मिलकर इस कठिन समय को भी अपना यादगार समय बना लिया।
आप सब भी अपने परिवार वालो के साथ मिलकर इन हसीन पलों को हसंते मुस्कुराते हुए जी लीजिये। यह समय हमारे लिए बहुत अनमोल है।
आपकी दोस्त
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