मायके का मोह जाता नहीं

ससुराल में जाकर मायके का मोह कम नही हो जाता

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 13 Feb, 2020 | 1 min read

सुमन की शादी को 5 साल हो गए है| दो प्यारे से बच्चों की माँ है| अपने परिवार के साथ बहुत खुश है... हो भी क्यों न जब इतना प्यार करने वाला और साथ देने वाला पति जो मिला है उसे|  रवि उसकी कोई बात नही टालता।  

सुमन की सास सुमन से बहुत प्यार करती है लेकिन जब भी सुमन मायके जाने को कहती तो सासूजी हमेशा मना कर देती। शादी के इतने सालों में सुमन मुश्किल से 10 बार ही अपने मायके जा सकी। 

आज मम्मी जी कहीं जा रही है क्या? सुमन ने रवि से पूछा हां माँ कह रही थी कि उन्हें अपने घर जाना है| वहाँ कोई पूजा रखवाई है...मामा जी ने तो मम्मी को बुलाया है।

अच्छा सुमन ने हैरान होकर कहा कि मम्मीजी अभी पीछले सप्ताह ही तो गयी थी और दो दिन बाद आई थी। आप मुझे तो मेरे मायके जाने देते नही लेकिन मम्मीजी तो अपने मायके जाती रहती है सुमन ने कहा

यार, अब तुम बातें मत शुरू करो...तुम सास बहू के झगड़ो से मुझे दूर रखो। 

मुझे नही पता माँ तुम्हे तुम्हारे पीहर क्यो नही जाने देती। तुम जाकर मम्मी से ही पूछ लो कि वो ऐसा क्यों करती है।

सुमन बोली आज तो मैं मम्मीजी से पूछ ही लेती हूं कि मेरे साथ ही ऐसा क्यों जब वो अपने घर जाए तो सब सही लेकिन मैं जाऊ तो हंगामा क्यो।

सुमन ने जाकर पूछा मम्मी जी रवि बता रहे हैं कि आप मामाजी के घर जा रहे हो?? हाँ बहू जा रही हूं वहाँ कुछ पूजा है तो जाना होगा। लेकिन आप मुझे तो नही जाने देती 

वो बहू इसलिये कि माँ के घर को भुलाकर ही हम अपने नए घर को संभाल सकते है वरना मायके का मोह कभी जाता नही और लड़की कभी अपने ससुराल की नही बन पाती। हमेशा उसे अपने मायके की फ़िक्र लगी रहती है।

अच्छा तो ये बात है मम्मीजी... तभी मैं कहूँ कि आप अभी तक अपने परिवार की क्यों न हुई। आप तो इसे अपना घर कहते हो और अभी तक अपने मायके के मोह को नही छोड़ पाए।और मुझ से उम्मीद करते हो कि जिस घर मे मैंने जन्म लिया, खेली पढ़ी,जहाँ मैंने सब कुछ सीखा। उस घर के सभी सदस्यों को भुलाकर अपने ससुराल को अपना बना लू लेकिन उन सब को भूलना आसान नही है यह आप भी जानते हों जहां आपकी शादी को इतना समय हो गया फिर भी आज तक आप अपने उस मायके को नही भूल पाए तो मैं कैसे भूल सकती हूं।

मुझे माफ कर दो बहू, सुमन को गले लगाया और बोली आज तुम्हारी बातों ने मेरी आँखें खोल दी आज तुमने सही कहा। हम औरतें एक साथ दो घर को जीती है... दोनो अपने घर है एक जहाँ बचपन बीता और दूसरा जो अपना बनाना पड़ता है। 

सुमन बहू अब तुम भी अपने मायके जाने की तैयारी कर लो।

दोस्तों, सुमन और उसकी सास ने बिल्कुल सही कहा कि ससुराल जाने के बाद भी मायके का मोह जाता नही बल्कि समय के साथ और बढ़ जाता है।

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