बेबी प्रूफिंग कर अपने छोटे बच्चों को चोट से बचाए

आप भी इन छोटे छोटे टिप्स को आजमाए और अपने प्यारे बच्चों को चोट लगने से बचाये

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 04 May, 2020 | 1 min read

रीमा विनय से कहती है कि.... हमें अपने घर की प्रूफिंग करवानी चाहिए जिससे हमारी बेटी को चोट ना लगे और वो भी हँसते खेलते ही बड़ी हो... उसके लिए क्या करना होगा? विनय ने पूछा। मैं अपनी सहेली प्रिया को फोन करके पूछती हूँ कि उन्होंने किससे करवाया है, हम भी उन्हें बुला लेंगे। और जल्दी से हम भी अपने घर की baby proofing करवा लेंगे... "ये ठीक है तुम प्रिया से बात करके आज शाम को ही उन्हें घर बुला लो", विनय ने कहा।शाम को baby proofing करने वाली कंपनी के दो सेल्समैन आकर उन्हें जानकारी देते हैं जो इस प्रकार से थी:- • सात महीने से तीन साल के छोटे बच्चों को घर का सामान बिखेरते हुए, तो कभी सीढ़ियों से ऊपर चढ़ते हुए, कभी बाथरूम में पानी से खेलते हुए या फिर बिजली के तार को छूते हुए। इन सब क्रियाओं में उनको चोट लगने, बीमार पड़ने अथवा बिजली से करंट लगने का डर रहता है।

• (Baby Proofing ) बच्चों को इन्हीं ख़तरों से बचाने के लिए बेबी प्रूफिंग अर्थात घर को बच्चे की सुरक्षा के अनुसार डिज़ाइन करने की आवश्यकता पड़ती है।

• आपको एक कुशल कारपेंटर की आवश्यकता पड़ेगी। जो आपके बताये हुए डिज़ाइन के अनुसार घर के सामान में बदलाव कर सके।

• एक इलेक्ट्रीशियन की जरूरत होगी। जो बिजली से सम्बंधित कार्यों को कर सके।

• रसोई एक ऐसी जगह है जहाँ आपको चाकू और काँटे जैसी तेज़ वस्तुएँ मिलेंगी। अपनी रसोई में बच्चे को प्रूफ करते समय, अलमारी पर बेबी प्रूफ ताले लगाले।

• स्टोव और गैस कनेक्शन काम करने के तुरंत बाद बंद कर दीजिए। फ्रिज, माइक्रोवेव आदि को बच्चों की पहुँच से ऊपर ही रखें, बर्तनों को भी काउंटर में रखा जाना चाहिए।

• इसके अलावा, जार और बर्तनों को बच्चों की पहुँच से बाहर रखना सुनिश्चित करें।

• रेंगने वाले बच्चे न केवल फर्नीचर पर चढ़ सकते हैं, बल्कि वे दर्पण को भी अपनी ओर खींच सकते हैं जिससे गंभीर चोटें लग सकती हैं। इसके लिए आप फर्नीचर के तीखे कोनो पर गार्ड लगा सकते हैं

• सीढ़ियों या अन्य गिरने वाले क्षेत्र हर समय बच्चे की पहुंच से पूरी तरह से बाहर हैं। आप शिशु सुरक्षा द्वार स्थापित करना चुन सकते हैं जो आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

• बाथरूम को बेबी प्रूफ करना है। आप सीट पर कैबिनेट और टॉयलेट लॉक पर कुंडी लगाते हैं और अपने बाल्टी या बाथटब को पानी से भरे रखने से बचते हैं।

• अपने बच्चे को स्नान कराने से पहले पानी का तापमान जाँचने के लिए एक थर्मामीटर भी रखें।

• अपने बच्चे को बाथरूम में जाने से रोकने के लिए , आप बाहर की तरफ एक दरवाजा घुंडी स्थापित करें और इसे बंद रखें।

• बाथरूम में फिसलने के जोखिम से बचने के लिए स्किड प्रूफ बाथरूम मैट खरीदें।

• कोई भी दवाइयाँ और मेकअप का सामान कैबिनट के अंदर बंद करके जरूर रखें ।

• अपने बच्चे को कभी भी बाथरूम में अकेला नहीं छोड़ना चाहिये।

• अपने घर से किसी भी विषैले पौधे, काँटों वाले पौधे आदि नहीं रखने चाहिए।

उन्होंने यह सारी बातें काफी विस्तार से समझा दी। विनय और मीरा को उनके द्वारा बताए गए यह छोटे छोटे टिप्स बहुत पसंद आए उन्होंने यह सब अपनाकर अपनी बेटी को हर रोज लगने वाली चोट से बचा लिया। अब वो रोज सिर्फ उसकी हँसी ही सुनते थे और अपनी बेटी को खेलते हुए देखकर वो baby proofing करने वाली कंपनी का शुक्रिया कर रहे थे। यदि आपके पास भी कोई टिप्स हो तो जरूर बतायें। अपने लाडले बच्चों को चोट से बचाने के लिए आप भी अपने घर में छोटे- छोटे बदलाव करके अपने बच्चे को बचा सकते हो😀😀🌝🌝🙏🙏

धन्यवाद

आपकी दोस्त

विनीता धीमान

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