नारी है

बंद दरवाजे में नारी के मन की दशा क्या कहना चाहती है....????

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Vineeta Dhiman
Vineeta Dhiman 20 Mar, 2020 | 0 mins read

पर्दे के पीछे खड़ी वो कौन है

जिसकी बोलती आँखे मानो

कह रही हो मेरा अस्तित्व कहाँ?

मेरे हाथों की हथेलियों को देखो

इनके बीच मेरा भाग्य लिखा है।

कब तक संस्कारों में कैद रहूंगी

अब मैं और नही सहूंगी

तोड़ कर सारे बंद दरवाजे

खुले उन्मुक्त गगन में

अब तुम देखना मेरी उड़ान को

मेरे अधखुले पंखों की जान को।

एक नारी जब तक कमजोर है

जब तक न वो पहचान ले

अपने हाथों के हुनर को।

ये नारी है यदि अपने पर

आ जाए तो सबपर भारी है।

तुम भी जान लो

अब इसकी उड़ान को।

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