तुम बिन मैं कुछ नही...सच कह रही हूं मेरी जान...☺️☺️ तेरे बिना मेरा कोई वजूद नही है। एक तुम ही तो मुझे बचपन से अब तक सब जानती हो। हाँ तुम ही तो जो मुझे बहुत नजदीक से पहचानती हो। जब मैं तुम्हारे साथ होती हूँ... तो सबको भूल जाती हूँ।
मुझे कब गुस्सा आता है, कब मैं रोती हूँ
तो कब हँसती, और कब मुस्कुराती हूँ।
तुम मेरे साथ उस दिन भी थी जब माँ ने मुझे डाँटा था
जब मैंने अपनी नई फ्रॉक पर स्याही गिरा दी थी...
तुम तब भी मेरे साथ थी जिस दिन पापा ने
मुझे नई साइकिल लाकर दी थी।
वो तुम ही थी उस दिन जिस दिन स्कूल में
मैडम ने मुझे काम न करने के कारण सजा दी थी।
मेरे हर पल, हर कल में तुम शामिल थी।
मेरी हर कहानी और कविता में भी तुम ही थी।
वो तुम ही थी मेरे साथ जब ये मुझे देखने आए थे,
तुम्हारी बातों को सुनकर मुझ पर फिदा हुए।
तुम्हारे साथ से ही सब मुमकिन हुआ
आज मेरी एक पहचान मिली है तुमसे।
जो तुम हो साथ मेरे, तो दुनिया प्यारी लगती है।
तेरी हर बात में खो जाने को मन करता है
कितना भी दूर हो जाऊं तुझसे
फिर भी ख्याल तेरा ही रहता है।
अब मैने भी स्वीकार किया
तेरे बिन मैं कुछ नही...
तू बसी है मेरी रूह में
तू ही मेरे हाथों की लकीरों में।
तेरा साथ जब मिल जाता है
मैं घर, बच्चों को भी भूल जाती हूँ।
तेरा सुरूर ही कुछ ऐसा है....
आज सबको बता ही दूँ.... कि ये कौन है जिसने मेरे ऊपर अपना जादू कर रखा है और जिससे दूर जाने की कल्पना करना भी मेरे लिए मरने के समान है... तो वो है मेरी प्यारी, दुलारी, मेरी एकलौती सखी, सहेली, दुश्मन
" मेरी डायरी"
आज मैं आप सबके सामने अपने पहले प्यार से कहती हूँ कि तुम बिन मैं कुछ नही...हाँ मेरी डायरी तुम्हारे बिना विनीता का कोई वजूद नही है। आज मैं जो भी हूँ वह सब तुम्हारे साथ के कारण ही मुमकिन है। यदि तुम बचपन मे मुझे अपने करीब नही आने देती तो शायद आज मैं कुछ और ही होती... एक लेखक नही
love you
धन्यवाद
मेरे ब्लॉग्स को पढ़ने के लिए और मुझे अपना प्यार और सहयोग देने के लिए आप सबका शुक्रिया....🙏🏼🙏🏼🙏🏼
दिल से आभार
तेरा सुरूर
मेरी डायरी.... मेरा पहला प्यार...☺️☺️☺️
Originally published in hi
Vineeta Dhiman
03 May, 2020 | 1 min read
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