देखो, जमाने की नज़र को
कितनी बदल गई है।
काम निकल जाए तो
पहचानती भी नही है।
कौन हो तुम,
मुझे जानते हो,
मेरे बारे में
मुझ से सवाल।
अब कौन समझाए
हम भी एक बार
ठोकर खायेंगे फिर
मुड़ कर न आयेंगे।
आज भूल गए हो तुम
कल हम तुम्हे भूल जायेंगे।
फिर न कहना कि
जमाना कितना बदल गया।
विनीता धीमान
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Nice
Thank you dear
Bahut sundar
Thank you kamini ji🙏🙏
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