अब तू देख मानव प्रकति के रूप को
हवा में उड़ती इस दिलकश खुशबू को
गगन में उड़ते स्वच्छंद परिंदो को
अब गुलशन में बहार आ गयी है।
बाहर सड़के सुनसान तो हो गयी
पर गाड़ियों का शोर तो कम हुआ
जब आगाज़ किया था lockdown का
तब पता न था प्रकति इतनी खुश होगी।
अब इसका अंजाम भी सुखद होगा
मानव और प्रकृति के संग से
कोरोना रो रो कर जायेगा
कुछ भी न कर पायेगा।
लेकिन तू भी सीख ले इससे
अब साथ चल प्रकति के
जब तक वो तेरी रक्षक है
तब तक कोई न तेरा भक्षक है।
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