Vidhisha Rai
Vidhisha Rai 21 May, 2024
जेठ की गर्मी
आग उगलता सूरज,सड़कें हुई सुनसान; जेठ की तपतपाती गर्मी में नहीं आराम, जीव-जंतु के कंठ सूख गए,ढूंढ रहे छाँव; पेड़-पौधे कुम्हलाए से,लटक गई डाल, गर्म हवा के थपेड़ों का रात में नहीं विराम; ए. सी.,कूलर की हवा में ही मिले सुकूँ ।

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by vidhisharai1

21 May, 2024

#topicfree contest 11 #microfable contest

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