Vidhisha Rai
09 May, 2024
डर
ताउम्र हम डर के साये में जीते हैं,
सपने भी खौफजदा हो देखते हैं।
पर,
गिरने का डर चलते रहने से जाता है,
हार का डर अथक प्रयासों से जाता है,
खोने का डर अटूट विश्वास से जाता है,
तन्हाई का डर निज प्रेम से जाता है।
डर जीवन की तारतम्यता को भंग करता है,
निडर मन ही खुशहाल जीवन जीता है।
Paperwiff
by vidhisharai1
09 May, 2024
#डर कांटेस्ट #microfable May 1
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