Vidhisha Rai
13 Dec, 2023
प्रकृति और मनुष्य
नन्हें कोमल हाथों से तुम्हें सींच रही,
बड़े वृक्ष बनकर तुम मुझे फल देना।
आज मैं प्रहरी बनकर रक्षा कर रही,
कल तुम वृक्ष बनकर मुझे आश्रय देना।
प्रकृति और मनुष्य के आपसी घनिष्ठ
सहचरी संबंध को समझ लिया है।
प्रकृति की हरी-भरी गोद में जीवन
व्यतीत करने का प्रण कर लिया है।
Paperwiff
by vidhisharai
13 Dec, 2023
#Picture Prompt 27
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