Vidhisha Rai
27 Jun, 2023
तालमेल
कशमकश-ए-ज़िन्दगी में
देखो कैसे तालमेल बिठाए जा रहे हैं,
एड़ी चोटी का जोर लगाकर
देखो हम तो आगे बढ़े जा रहे हैं;
कुछ हासिल करने को इक हाथ बढ़ाये तो
दूजे हाथ से मुकम्मल खवाबों को सम्हाले जा रहे हैं,
कुछ न खोने की ज़िद है अपनी....
तभी हर हाल में दोनों हाथों से
ज़िन्दगी को थामे जा रहे हैं।।
Paperwiff
by vidhisharai
27 Jun, 2023
#Picture Prompt contest 4
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