Vidhisha Rai
Vidhisha Rai 13 Feb, 2024
गुलाब के काँटे
"सोना ये नहीं हो सकता।मैंने माना नितेश मुझे बहुत प्यार करता है,पर मैंने भी अपने मरते माँ-पिता को वचन दिया था कि जब तक तुम्हें आत्मनिर्भर नहीं बना लुंगी, तब तक विवाह नहीं करूँगी।मेरी भी बड़ी बहन होने के नाते तुम्हारे प्रति कुछ ज़िम्मेदारी है।"सोना ने तब बड़े ही गंभीर शब्दों में प्यार से कहा,"दीदी इस उपवन में रंग-बिरंगे गुलाब के फूल है और साथ में कितने खुश होकर पूरे उपवन को महका रहे हैं।वैसे ही आप,मैं और नितेश जी अलग-अलग है पर हम साथ होकर अपनी ज़िंदगी महका सकते हैं। और रही बात संघर्ष की तो काँटे तो हर गुलाब की शोभा बढ़ाते हैं। काँटों के बीच से जब गुलाब इतने महक सकते हैं, तो हम सब भी परेशानियों का सामना साथ में रहकर कर सकते हैं। मैं वादा करती हूँ मैं मन लगाकर अपनी पढ़ाई पर ध्यान दूँगी।"सोना की बात सुनकर नीलम ने चुपचाप नितेश का दिया लाल गुलाब अपने बालों में मुस्कुराते हुए लगा लिया।

Paperwiff

by vidhisharai

13 Feb, 2024

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