Vidhisha Rai
02 Dec, 2023
कोहरा
दिसंबर ने धरती पर कोहरे की चादर ओढ़ाई,
सूझता नहीं कुछ अब,हर तरफ बस धुंध छाई।
घर में सब दुबके ठिठुरते ;छिपे ओढ़कर रजाई,
बच्चे-बुढ़े सबने न नहाने की जुगत लगाई।
पर सूरज दादा को सबकी यह सुस्ती न भाई,
धूप बिखेरकर धरा पर कोहरे से राहत दिलाई।
Paperwiff
by vidhisharai
02 Dec, 2023
#Microfable contest December #कोहरा
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