Vidhisha Rai
Vidhisha Rai 08 Nov, 2023
बेखौफ निगाहें
वो बेखौफ अपलक निगाहें तीर-से पत्तों में से झाँकती, बिन कुछ कहे कितने राज बयां करती। लबों पर खामोशी सजाये बस निगाहों से गुफ्तगू करती, चेहरे पर मासूमियत की चादर ओढ़े संध्या की लालिमा से रंगी दिखती।

Paperwiff

by vidhisharai

08 Nov, 2023

#Picture Prompt 22

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