Vidhisha Rai
Vidhisha Rai 19 Dec, 2023
धोखा
धोखा हर युग में उपस्थित रहा है, चाहे वो सतयुग हो, त्रेता युग हो द्वापर युग हो या कलयुग ; काल के साथ यह विकराल होता गया कभी सीता को कस्तूरी मृग बन छला, तो कभी पांडव को द्यूत क्रीड़ा से हराया, कलयुग में लुभावने प्रलोभन दे इंसान इंसान को धोखा दे रहा।

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by vidhisharai

19 Dec, 2023

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