लेखकों के लिए सुनहरा अवसर
साहित्य के क्षेत्र में नया सितारा बनकर उभरे हैं|
दो युवा चेहरे मिथुन मुद्दन और वृंदा सिंह चौहान
दोनों साहित्य के जगत में में युवा चेहरे हैं |और जिन्होंने भारत की पुरानी 4000 भाषाओं को जीवंत करने का निर्णय लिया है और उन्होंने यह शुरुआत कर दी है|
वृंदा सिंह चौहान एक लेखिका है है| और मिथुन मुंडन एक कुशल डेवलपर है
उन्होंने विभिन्न भाषाओं के लेखकों और पाठकों के लिए एक मंच तैयार किया है पेपर विफ़ जिसे अभी 1 वर्ष पूर्ण हुआ है और वह नित नए आयामों को छू रहा है| लेखकों को अपने भाषाओं में लिखने का मौका मिल रहा है और वह उन्हें रिवार्ड भी प्रदान कर रहा है| पेपर विफ़्फ हिंदी, तमिल, अंग्रेजी, कन्नड़ ,कोंकणी, बांग्ला, बुंदेलखंडी ,खड़ी बोली, ब्रज भाषा मराठी, तमिल, उर्दू, तेलुगू जैसी क्षेत्रीय भाषाओं के लेखकों को एक प्लेटफार्म पर लाने पर लाने प्लेटफार्म पर लाने में सक्षम रहा है| और यह मंच चाहता है कि ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रीय भाषाओं के लेखक इससे जुड़े......
इसके लिए दोनों प्रयासरत हैं | अभी 2020 में
नवीन मंच द्वारा साहित्य का वार्ड प्रदान किए गए| समय-समय पर इस मंच पर प्रतियोगिता चलती है जिसमें आप भाग लेकर अपने लिए
रिवार्ड्स ले सकते हैं| आपका लेखन आपको आपको पहचान दिलाने के साथ साथ कुछ कमाने का अवसर भी प्रदान करता है | और जब आपकी क्षेत्रीय भाषा आपको सम्मान दिलाए यह आपके लिए गर्व की अनुभूति है |
यह मंच लेखकों को आत्मनिर्भर बना रहा है आप चाहे किसी भी भाषा में लिखते हैं तो पेपर विफ़्फ में से जुड़े, उसकी सारी जानकारी जानकारी आपको फेसबुक और इंस्टाग्राम से जुड़ने के पश्चात आपको मिल जाएंगी |आज ही अपना अकाउंट www.paperwiff.com पर बनाएं . और अपने लेखन से सारे जहां को अवगत कराएं |
और इन दोनों के साथ-साथ 11000 लेखक और पाठक इस मंच से जुड़ चुके हैं|
वर्षा शर्मा खड़ी बोली एंबेसडर एंबेसडर
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