पहले जब हम गांव में जाते थे तो दादी जी कितना खुश रहती थी |जब से शहर में आई है तो उनका मन ही नहीं लग रहा |अरे !!यहां पर तो सब कुछ है किसी चीज की असुविधा नहीं है |और वहां पर तो असुविधाओं में रहते हुए भी कितना खुश रहते थे | फोन पर बुआ से बच्चों ने कहा हाँ मा तो हमेशा कितना काम करती रहती थी पुराने गानों का कितना शौक था काम करते-करते भी गुनगुनाती रहती थी | पिताजी हमेशा कहते थे क्या तुम चुप रहकर खाना नहीं बना सकती????हमेशा कुछ ना कुछ बोलती रहती हो यह मां का अपना तरीका था जो हंसते मुस्कुराते और पॉजिटिविटी से भरे हुए खाना बनाती रहती थी आज क्यों इतनी सुविधाओं में भी मा बोरियत महसूस कर रही है ????
सोचते ही बिटिया ने अपना पर्स उठाया और पहुंच गई दुकान पर और मां के लिए गिफ्ट लिया |और बच्चों को फोन करके बताया मां को भी बोली कि मैं कल आपसे मिलने आ रही हूं| अरे !!अभी तो दामाद जी की तबीयत ठीक नहीं थी | तू उन्हें परेशान कर रही है ,,कोई बात नहीं मां मेरा बहुत मन कर रहा है आपसे मिलने का हां तो आजा मां की आंखों में अजीब सी संतुष्टि आ गई!!बेटी मिलने आ रही है| पोती ने बोला ,"दादी मां हम तो बुआ को काफी टाइम से बुला रहे थे, लेकिन अब आप आ गए हो तो बुआ जी आ रही है ,नहीं तो मना कर देती है, "
दादी ने समझाया ,"हां बिटिया यह मां से मिलने की उत्सुकता ही है यह तुम अभी नहीं समझोगी जब तुम बड़ी हो जाओगी तब समझोगी, । कई बार व्यस्तताओ के चलते हम चाह कर भी नहीं जा पाते", ,,अब मां का सुबह सुबह फोन आ गया और कब निकल रही हो ???हां मम्मी बस छोटे बेटे का ट्यूशन है,खत्म होते ही निकलती हूँ|अरे!!!!!एक दिन ना पढ़ाती, 1 दिन के लिए तो मिलने आ रही है , वह भी थोड़े से समय के लिए जाने की जल्दी होगी? थोड़ी देर मे निकलती हूं तब तक ज्यादा देर नहीं होगी मैं समय से पहुंच जाऊंगी और खूब बैठकर गप्पे लगाएंगे |हां चल आराम से आ जा , मां बेटी का बेचैनी से इंतजार करने लगी| भाभी भी सुबह ऑफिस चली जाती है फिर शाम को वापस आती है, बच्चे अपनी-अपनी ऑनलाइन क्लास में व्यस्त हैं तो मां अकेली रह जाती है | हर बार तो पापा साथ आते थे तो मां को बोर नहीं लगता था |इस बार गांव में कुछ खेत का काम है तो मां को अकेले आना पड़ा और बच्चों के पास रहने के लिए भी कोई चाहिए होता था| क्या हुआ मां बच्चे कह रहे थे कि आप यहां पर खुश नहीं रहती ??क्या बात है??आपका मन नहीं लगता? अरे !!नहीं मैं मन तो बहुत लगता है पर वही है कि गांव में तो चार-पांच लोग आते-जाते रहते हैं घूमते रहते हैं बात कर लेते हैं| यहां पर हम परेशान से बैठे रहते हैं सभी अपने काम में व्यस्त हैं बच्चों को भी क्या कहे ???बच्चों की अपनी क्लास है और काम तो सब नौकर चाकर कर देते हैं तो खाली बैठे बैठे थोड़ा अजीब सा हो जाता है |मां यह मैं आपके लिए लाई हूं, गिफ्ट को देखकर मां की बांछें खिल उठी अरे!!यह तुझे कहां से मिला और इसको लाने की क्या सूझी गांव में तो है मेरे पास ,यहां मैं लेकर ही नहीं आई हर समय तेरे बाबूजी साथ आते हैं तो समय ही नहीं मिलता था इस बार ही थोड़ा अकेलापन लग रहा है |हां माँ यह कारवां है जिस तरह आप रेडियो पर गाने सुनते थी इस पर आप अपनी पसंद के गाने सुन सकती हो और यह ब्लूटूथ है आप अपने कान में लगा लोगे तो बच्चे भी डिस्टर्ब नहीं होंगे और आपको भी अच्छा लगेगा |अरे!!वाह बुआ जी आपको कैसे पता ??बेटा बड़े लोग भी अपनी पसंद की चीज देख बच्चा बन जाते हैं हमें पता है मां को रेडियो से कितना लगाव है अमीन सयानी और अपनी पसंद के गाने सुनना , मा ने उस जमाने मे चिट्ठी लिख कर भेजी थी जिसमें एक गाने में कई लोगों के नाम भी आते थे| बिटिया ने मां को रेडियो के सारे फंक्शन बताएं और दोनों बैठकर सीखने लगी मां को तो रेडियो ब्लूटूथ सुनना बहुत अच्छा लग रहा था ,"यह तो सिर्फ मेरे कान में बजता रहेगा और किसी को पता भी नहीं चलेगा" हाँ अच्छा लेकिन कल सुनना आज तो मुझसे ही बातें करो | बच्चे भी हंसने लगे कि यह तो दादी मां का खिलौना आया है|
और मा ने कहां हां बिटिया समझ गई उसने देखा है मुझे अकेले में भी मैं गुनगुनाती रहती थी मुस्कुराती रहती थी रेडियो का साथ जो था और आज बिटिया ने मुझे गिफ्ट दिया है अब गिफ्ट छोड़ और इसके पैसे बता ,नहीं मैं नहीं लूंगी , अरे!!मुझे पाप चढ़ायेगी बेटी के घर का •••,"•क्यों मुझे नहीं पढ़ाया लिखाया है आपने कभी????या फिर आप मुझे प्यार नहीं करते नहीं तो मैं आपकी धेवती से बोलूंगी कि मेरी मां भी लड़के और लड़की में फर्क करती है | चल तू पागल है एक रेडियो से लड़के लड़की का फर्क आ गया |तो क्या हुआ मां मैंने गिफ्ट दे दिया???मुझे सबसे ज्यादा खुशी है कि आप खुश रह पाओगे| तब तक भाभी भी ऑफिस से आ गई वह भी खुश हुई
रेडियो चैनल घुमाना यह सब को तो मजा आता है लैपटॉप वगैरह नहीं सीख पाते लेकिन इस रेडियो में तो अपनापन सा लग रहा है और सब हंसते मुस्कुराते गाने सुनने लगे गाना आ रहा था कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन ........
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