"हिम्मत तो देखो इस लड़की की, जबान तो पूरी कैंची की तरह चलती है| जुम्मा जुम्मा 8 दिन हुए हैं आए और अब यह फैसले लेगी घर के?"
"क्या हुआ भाग्यवान क्यों पूरा घर सिर पर उठाया हुआ है? बाहर तक आवाज आ रही है|" ससुर जी ने आते हुए बोला|
"हां अब तो हमारी आवाज पर भी टेप लगवा दो| कुछ पता भी है महारानी ने क्या गुल खिलाया है?" सासू जी आज महाभारत के मूड में थी|
"अच्छा बाबा एक गिलास पानी तो पिला दो, ये कुछ नहीं जानती तुम तो जानती हो| और तुम्हारे छोटी-छोटी बातों में उलझना|"
"हां, उसको कह रहे हो या मुझे? तुम्हारा भी तो कुछ पता नहीं, ज्यादा लाडली बना कर रखी है ना इसलिए सिर पर खड़ी है|"
पानी की बात सुनकर राधा पानी लेने के लिए चली गई|
"देखो डर भी नहीं रही है'|
विनय भी घर में आ जाता है| "क्या हुआ मां शोर मचा रहे हो?"
"अपनी हीरोइन से पूछो, घर के अब सारे फैसले वही लेगी| दादी मां है इस घर की, हमने तो सारी जिंदगी शरीर ही तोड़ा इस घर में|"
"अरे! कुछ बताओ भी भाग्यवान? क्यों शोर मचा रखा है?''
"अपनी बहू से ही पूछ लो लाडली से...."
राधा को बुलाते हैं| राधा चुपचाप आकर खड़ी हो जाती है|
"क्यों बहू क्या हुआ ??"
"जी पापा जी बताती हूं"|
"देखा कैसे चपड़ चपड़ चल रही है, यह नहीं कि मैं बड़ी हूं तो मैं बता दूंगी" सासू मां बोली|
"आज भाभी आई थी मुझे बुलाने के लिए कीर्तन में और मैं थोड़ा कहीं गई थी| तो इन महारानी ने बाहर से कह दिया घर में भी नहीं बैठाया| भाभी जी क्या सोचेंगे मेरे बारे में? अभी मैंने कहा कि रात को राजमा भीगा देंगे वह बना देना तो कहती है मम्मी जी आपको राजमा नुकसान करते हैं, अब बताओ मेरे एक के चक्कर में क्या आप सब लोग नहीं खाओगे?"
"अब तुम बताओ बेटा राधा, क्या हुआ?" ससुर जी बोले|
"जी पापा जी| ताई जी आई थीं, लेकिन ताई जी मम्मी के लिए कुछ कुछ बोल रही थीं, कहां चली गई, ये वो| मुझे अच्छा नहीं लगा, मैंने उनको खुद कह दिया कि मम्मी जी नहीं आ रही हैं| आप मम्मी जी की बुराई करते हैं, तो मुझे बहुत बुरा लगता है| और राजमा से मम्मी जी की पिछली बार तबीयत खराब हो गई थी, तो मैंने इसलिए मना किया|"
"सुन लो यह तुम्हारी चिंता कर रही है" ससुर जी बोले|
"हां खाक चिंता कर रही है, ज्यादा झांसी की रानी बन रही है| फिर राजमा भिगो कर क्यों रखे?? यह तो चाहती है मैं खाऊं मर जाऊं, कल को इसी का राज रहे सारे घर पर"|
"नहीं मम्मी जी मैंने आपके लिए लौकी बना दी है| लो दो दो सब्जी बनाएगी महारानी, इस तरीके से घर नहीं जोड़ते हैं| हमने बहुत मन मारकर के जोड़ा है|"
अब राधा कहती है "मम्मी जी आप सही रहोगे तो घर जोड़ना बाद में भी सिखा देना| लेकिन ना तो मैं कभी किसी से आपकी बुराई सुनूंगी और ना ही आपको कुछ गलत खाने दूँगी जिससे आप की तबीयत खराब हो| और हां, मैं बोलती हूं बुरी लगती हूं तो मैं लिख कर बात कर लूंगी|"
ससुर जी उसकी बातें सुनकर मुस्कुराने लगते हैं और कहते हैं "अब आया ऊंट पहाड़ के नीचे|"
विनय मुस्कुरा कर मां के गले लग जाता है| राधा भी अपनी बात कहकर सासु मां के गले लग जाती है| ससुर उनकी नोकझोंक को देखते रह जाते हैं|
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