मैं अपने रस्ते चल रहा था | बहुत धुप थी , अर प्यास सै गला सूख रा था| थैले में हाथ डाल कै देखा तो पानी की बोतल ख़ाली हो चुकी | थोड़ी देर चलने के बाद एक घर नज़र आया|
गांव था ,थोड़ी थोड़ी दूर पै ही घर मिल रे थे | काफी चल चूका था ,बुरी तरह थक भी गया |अब मुझे कुछ और नजर नी आ रा था | दरवाजा खटखटाया, धीरे से दरवाजा खुला ओर मेने देखा कि.....
एक लौंडिया जो साथ काम करें थी रो री है |मेने उससे पानी मांगा |पानी पीकर मेने उससे पूछा तो वा बोली कि मेनेजर मुझे परेशान करे है एक दिन मेने उसे अपने घर के हालात के बारे में बता दिया कि हम गरीब लोग हैं |तब से वो मेरा फायदा उठाना चाह वे हैं ||मेने बोला गलती तो तुमने कर दी क्यूँकि मेरी मां ने कहा था कि अपनी किसी भी कमजोरी का खुलासा बाहर वालों के सामने ना करना पता क्यूँ, किसी भी बात का कोई फायदा उठा सकता है चलो अब तुम्हें साहस करके उसे जवाब देना होगा |मेनेजर की हरकत उसके परिवार मै बताई |वो बहुत शर्मिंदा हुआ ओर उस लड़की को उस का आत्मविश्वास मिल गया |
अर मझे भी बहुत खुशी हुई उसकी मदद करके
क्या मेने सही किया
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