माँ
तू परेशान मत हो मेरा बेटा ऊंचे पद पर है और शहर में है आजकल तो शहरों में रहकर ही काम चलता है गांव से तो नामुमकिन है काम करवाना,
लेकिन अकेले रहना
नहीं बेटा जब तक हाथ पैर चलते रहेंगे तो गांव गली कि रौनक से मेरा दिल लगा रहेगा|
अब अकेले रहने का समय भी नहीं है बहुत मुश्किल होता है
दोनों की मजबूरी है बेटा मां के पास रह नहीं सकता और मां गांव छोड़कर जाना नहीं
दुनिया छोड़ कर चली जाती है क्या फायदा इतने बड़े पद पर आसीन होना जब माँ के लिए समय नही??
वर्षा शर्मा
दिल्ली
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