अपराधी

पहले अपराध पर ही अगर रोक दें तो शायद अपराधी बनने से बच जाए लोग..

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 25 Dec, 2020 | 1 min read
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मैंने एक कहानी पढ़ी थी एक बहुत बड़ा अपराधी था उसे मृत्युदंड दिया गया तो उसने अपनी मां से मिलने की इच्छा जताई सभी ने सोचा कि अपराधी है लेकिन मां तो मां है शायद मां से कुछ कहना चाहता हो लेकिन जब माँ मिलने आई तो उसके हाथ बंधे हुए थे| तो उसने अपनी मां का कान भी काट लिया जिसमें सोने का कुंडल था 

 माँ ने पूछा ,"मेरे प्यार में क्या कमी रह गई थी, जो तूने ऐसा किया, "अपराधी स्वयं कहने लगा कि मां जब मैंने पहला अपराध किया था किसी बच्चे की पेंसिल चुराई थी अगर तुमने मुझे तभी मना कर दिया होता और मेरी बातों को हंसकर नहीं उड़ाया होता तो शायद मैं इतने बड़े अपराध में ना फंसा होता.......तो मेरे नजर में अगर अपराध की शुरुआत में ही रोक लग जाए तो अपराधी ज्यादा उग्र नही होते| पहला अपराध कुछ नादानी में हो जाते हैं |कुछ दूसरों के उकसाने पर और कुछ अपने आप को बड़ा करके दिखाने के लिए हो जाते हैं | कोई भी आदमी जन्म से अपराधी नहीं होता आसपास का वातावरण और किसी को अगर हम बार-बार  हीन और कुछ  करने लायक ना समझते रहे तो वह भी कई बार उग्र होकर अपराधी बन जाता है| कई बार आर्थिक हालात सामाजिक जिम्मेदारियां व्यक्ति को मजबूर कर देती है| और आजकल तो टेलीविजन और फोन पर सभी चीजें मौजूद हैं अगर बच्चों को कंट्रोल ना किया जाए तो वह अपनी मर्जी से सब कुछ देख सकते हैं हर चीज आसानी से उपलब्ध है| 

वर्षा शर्मा

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Varsha Sharma

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Comments

Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓

  • Charu Chauhan · 3 years ago last edited 3 years ago

    सुल्ताना डाकू

  • Varsha Sharma · 3 years ago last edited 3 years ago

    जी धन्यवाद

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