# मेरी यात्रा
पहले तो आपको धन्यवाद देना चाहूंगी कि आपने मुझे वह दिन फिर से याद दिला दिए मैं पिछले साल को बहुत मिस कर रही थी क्योंकि आज के दिन ही हम अपने ट्रिप से वापस आए थे| यादें सचमुच बहुत खूबसूरत होती है| और दिन के हिसाब से अपनी सभी फोटो हम देख रहे हैं| बहुत सारी फोटो है यहां पर एक शेयर करूंगी
27 मई को हम लोग नॉर्थ ईस्ट में घूमने के लिए गए थे|
हम प्लेन में बैठ गए जब प्लेन टेक ऑफ करने वाला था तब प्लेन में कुछ खराबी आ गई और प्लेन 2 घंटे लेट हो गया |फिर हमें थोड़ा डर लगने लगा क्योंकि आगे हमें रात हो जाएगी और रास्ता पहाड़ी है|
......हम लोग स्पाइसजेट से बागडोगरा पहुंचे और फिर बागडोगरा से हमें पहुंचते हुए रात हो गई क्योंकि बारिश हो रही थी| तो हम कलिंगपोंग मोनार्क होटल में रुके| कलिंगपोंग बहुत खूबसूरत जगह है और ज्यादा ऊंचाई पर भी नहीं है|
28 मई को हम तैयार होकर नाश्ता करने के बाद मोनेस्ट्री ,हनुमान मंदिर ,डेलो पार्क देखा और हमने वहां पर नार्थ ईस्ट की ड्रेस पहनकर भी फोटो खिंचाई वहां पर बहुत अच्छा मौसम था हमने लवर्स व्यूप्वाइंट देखा और दार्जिलिंग में अपने होटल पाइनवुड होटल पहुंचे |
अब 29 मई को हम टाइगर हिल, बतासिया लूप, पद्मजा नायडू जूलॉजिकल पार्क ,म्यूजियम और हिमालयन माउंटेनियरिंग इंस्टीट्यूट तिब्बतन रिफ्यूजी सेंटर टी गार्डन और तेनजिंग रॉक पहुंचे 29 मई को तेनजिंग नोर्गे ने माउंट एवरेस्ट पर फतह पाई थी वहां उस दिन सेलिब्रेशन चल रहा था| और हमने टी गार्डन में बास्केट लगा कर, ड्रेस पहन कर फोटो खींची जो एक अलग ही एक्सपीरियंस था और बहुत अच्छा लग रहा था| फिर वहां से हमने अपने लिए और रिलेटिव्स के लिए ग्रीन टी और ब्लैक टी ली| गार्डन में ठंडी हवाओं के बीच ब्लैक टी पीने का अपना ही मजा आया|
30 , मई को दार्जिलिंग से गंगटोक पहुंचे वह दिन हमारा पूरा रास्ते में निकला क्योंकि बहुत बारिश हो रही थी और रास्ते में पत्थर भी गिर रहे थे हम शाम तक गंगटोक पहुंचे और फिर लोकल में घूमे|
31 मई को हम हनुमान टोक, गणेश टोक ,,प्लांट कंजरवेटरी सभी जगह घूमे और दो वॉटरफॉल्स पर हमने काफी एंजॉय किया फिर हमने ताशी व्यू प्वाइंट देखा और मोनेस्ट्री गए क्राफ्ट म्यूजियम भी काफी अच्छा था और एमजी रोड सिक्किम का सबसे साफ सुथरी जगह है वहां बैठकर बहुत सुकून मिला| वहीं पर हमने घूमते हुए डिनर किया और रात को अपने होटल पहुंच गए|
1 जून को हमें नाथू ला पास जाना था यह काफी ऊंचाई पर है |14,140 ft और यहां पर बर्फ भी पड़ती है यह भारत और चीन का बॉर्डर है| यहां पर हम नाथूला पहुंचे तो उस समय बर्फ भी पड़ रही थी और ऊपर जाते हुए ऑक्सीजन की कमी हो जाती है इसलिए पॉपकॉर्न और चॉकलेट हमें खाने पड़ते हैं ताकि ऑक्सीजन बनी रहे |बच्चों ने पहली बार बर्फ देखी और यहां पर हमने चीनी सैनिक भी देखें बस एक हाथ की दूरी पर चीनी सैनिक थे लेकिन वहां पर हम कैमरा नहीं ले जा सकते सुरक्षा की दृष्टि से तो वहां पर हमने कोई फोटो नहीं ली लेकिन बर्फ में नीचे आकर बर्फ में खेलते हुए खूब मजा किया फिर हम बाबा हरभजन मंदिर गए | यह मंदिर सैनिक हरभजन सिंह जी की याद में बनाया हुआ है उनके बारे में कथा प्रचलित है कि वह दुश्मनों को मार देते थे और देश के प्रति उन्हें इतना प्यार था कि आज उनके मरने के बाद भी वह सीमा पर पहरा देते हैं| और कई बार चीनी सैनिकों को भी इस चीज का अनुभव हुआ है और मंदिर के बारे में बहुत मान्यता है हर सैनिक वहां से जो भी गुजरता है उनको जरूर माथा टेक आता है वह अल्पायु में ही घोड़े को चलाते हुए शहीद हो गए थे| आज भी गवर्नमेंट की तरफ से उनको सभी गवर्नमेंट सुविधाएं दी जाती हैं| फिर रास्ते में वापस आते हुए हम सॉन्ग मो लेक पर रुके वहां पर बर्फीली हवाएं चल रही थी और बहुत सुंदर नजारा था हमने वहां पर काफी सारी फोटो खींची और याक पर बैठकर भी घूमे|
2 जून आज के दिन हम बागडोगरा से अपनी फ्लाइट पकड़कर वापस दिल्ली आए थे लेकिन आकर बिल्कुल मन नहीं लग रहा था |नॉर्थईस्ट बहुत अच्छी जगह बहुत खूबसूरत जगह है | यहां पर जो पहाड़ हैं उन पर बहुत जयादा हरियाली है | आज तक भी हम उन्हीं यादों में खोए हुए हैं|
जब भी आप को मौका मिले नॉर्थईस्ट जरूर घूम कर आए बहुत अच्छी शांत और बहुत हंसी वादियां है|
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
Thikk Kaha dear. It's a very nice place.
Thanku manisha ji
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