हां जी दादी कहानी सुनाती थी उनमें राजकुमारों की कहानियां होती थी | पर कभी ऐसा माहौल नहीं मिला कि हम सोचेगी कोई शहजादा आएगा या कोई सपनों का राजकुमार था| हमारे गांव में माहौल था कड़क ,संयुक्त परिवार कहीं बाहर आना जाना नहीं था तो इन चीजों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया ,फिर जब पता हुआ कि शादी होने वाली है तो भी इतना उत्साह नहीं था |शादी जैसे काम निबटना अब जो पति मिला अगर कोई कमी भी है |
खुद ही ठीक करना है प्यार से गुस्से से और अब तो 20 साल हो गए | हां जी लड़ते भी है, झगड़ते भी है अब तो सात जन्म का साथ ही चाहिए क्योंकि इस जन्म में सुधारा |अगले जन्म की मेहनत तो बचे ...😜
बस कमी यही है कि मैं जितना सकारात्मक सोचती हूं किसी भी चीज को लेकर वे बहुत नकारात्मक सोचते हैं |
और अभी भी यह काम जारी है |
उनका भी नजरिया बदल लूंगी
मन में है विश्वास
वर्षा शर्मा
दिल्ली
Comments
Appreciate the author by telling what you feel about the post 💓
No comments yet.
Be the first to express what you feel 🥰.
Please Login or Create a free account to comment.