,तुम तो नए जमाने की हो इसलिए पागल हो गई हो लेकिन तुम्हारी मां की क्या आंखों की मिची हुई है जो उसे नहीं दिख रहा सारे जगह बदनामी हो रही है और वह महारानी है कि इस उमर में नए-नए शौक चढ़े हैं" इसलिए कहते थे बड़े बुजुर्ग घर में रहो ज्यादा फोन पर लगे रहने का यही नतीजा होता है ......
सासु मां की बातें सुनकर भी निकल गई विधि
देखा देखा तुम्हारे लाड प्यार ने स सर चढ़ा रखा है कमा ती है, तो क्या कुछ भी करती फिरेगी????भाई हमने तो जमाना देखा है आज तक तो ऐसा नहीं हुआ क्यों????अखिल की मां तुमसे पूछा तो था उसने
हां पूछा तो था लेकिन मैं बोल रही हूं जो फितूर इसके सर पर चढ़ा है क्या ऐसा कभी कहीं देखा है????
"अब तो बहु चली गई लेकिन तुम्हें भी सोचना चाहिए एक औरत का दू औरत नहीं समझेगी तुम्हें बहू की मदद करनी चाहिए और तुम उसे ताने दिए जा रही हो, "
"भाई मैं तो इसके पक्ष में हूँ, "
विधि जल्दी से ऑफिस निकल आई थी आज उसे लंच में शर्मा अंकल से मिलकर सब कुछ डिस्कस करना है|
,"तुम हिम्मत मत हारना विधि मैं तुम्हारे साथ हूं अखिल ने गाड़ी चलाते-चलाते बोला विधि को बस इसी साथ की जरूरत थी शायद जमाना बदल जाए और सभी का साथ इसी तरीके से मिले,,,
मैं कुछ गलत तो नहीं सोच रही अखिल सब कुछ इतना सुकून था | जब तक पापा थे पापा के जाने के बाद मां उम्र से ज्यादा दिखने लगी है ,
अपना ख्याल भी नहीं रखती
अकेले बैठी रहती है या रोती रहती है
लेकिन जब से शर्मा अंकल से मिली है तो मां नए-नए व्यंजन भी बनाने लगी है शर्मा अंकल भी तो अकेले हैं उनके दोनों बेटे विदेश में बस गए हैं, और भाई भी तो नहीं है मां के पास वह भी तो बाहर गया हुआ है और "मैं पास रहकर भी कितना पास रह पाती हूं जमाना चाहे कितना भी बदल जाए लेकिन आज भी बेटियां अपनी मां को घर में रखने से पहले सौ बार सोचती हैं और क्या सास और ससुर जी ने कभी इजाजत दी उन्हें अपने घर में रखने के लिए ,"जिसने पूरी जिंदगी अपना घर अपने हिसाब से चलाया हो और वह आज इतनी अकेली पड़ गई है कोई उनका दुख नहीं देख पाता यही सब सोचकर मैंने शर्मा अंकल से बात की, "
"तुमने बिल्कुल सही किया बस अब मां और मान जाए, "
तू फिर शुरू हो गई विधि
तू मुझसे मिलने नहीं आ सकती तो क्या तुम अपनी जिम्मेदारी किसी और पर डालना चाहती है?????नहीं मां आपको खुश देखना चाहती हूं
और शर्मा अंकल तो,
,"तुझे पता भी है क्या जमाने वाले सोचेंगे मेरे बारे में और खुद तेरे साथ ससुर बता क्या वह भी खुश है?????इस शादी से यह बातें सब किताबों में अच्छी लगती हैं कोई एक घर बता जहां ऐसा हुआ तू क्यों मेरे बुढ़ापे में मिट्टी पलीद करने पर तुली हुई है, "
"मां जब आप अकेले बैठे रोते रहती हो तो कोई जमाने वाला आता है आप को चुप कराने, नहीं ना तो आप क्यों जमाने वाले की सोचते हो और वह कौन लोग मुझे तो आज तक नहीं दिखे , "
और अगर बदलाव नहीं आएगा तो आप किसी भी घर में कैसे देख पाओगे ?????हमें बदलाव लाना है हमें मिसाल बनना है..
, "आपके दामाद जी भी खुश है बस आप को तैयार होना है" वीडियो कॉल पर भाई और भाभी भी है इनसे बात करो, "
मां जब तक हमें जिंदा रहना है हमें अपना ख्याल खुद रखना होगा और पापा की जगह कोई नहीं ले सकता लेकिन आपके लिए कोई साथी तो मिल ही सकता है |
और जमाना हम लोगों से ही बनता है |
सभी ने मिलकर मां को मना लिया अब अगले हफ्ते कोर्ट मैरिज होगी|
सखियों आपने कई पुरुष तो देखे होंगे जो दोबारा शादी कर लेते हैं लेकिन बुढ़ापे में जब सचमुच साथ निभाने का समय आता है और साथी छोड़ जाता है तो उस समय हमें सबसे ज्यादा जरूरत होती है भावनात्मक रूप से मजबूत बने रहने के लिए भी
और बदलाव आए उससे पहले हमें अपने आसपास के माहौल को बदलना होगा शुरुआत हमें खुद से ही करनी होगी
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