अर्धांगिनी ....सिर्फ तुम

नारी के हम सब आभारी अर्धांगनी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 06 Jan, 2021 | 1 min read
Relationship# Marrige #love

अर्धांगिनी ....सिर्फ तुम


सब रिश्ते तो अब तुझ मे ही समाहित है 

मां की तरह दुलार दिखा देती हो तुम सिर्फ तुम

बहनों की तरह हंसी ठिठोली भी कर देती हो तुम

 प्रेमिका की तरह रस सागर में गोते लगा देती हो सिर्फ तुम

हकीम वैध की तरह इलाज बता देती हो तुम

बीमारी में एक नर्स की तरह परिचाईका बन जाती हो तुम

जाकर के रसोई में अन्नपूर्णा कहलाती हो तुम

बिन कहे सारी बातें आंखों से समझ जाती हो तुम

तुझको पाकर मैं अपने सारे गम भुला हूं

 मुश्किल हालातों में विश्वास से भरी हो तुम

 नित नए तरीके सिखलाती हो तुम

 सिर्फ तुम सिर्फ तुम सिर्फ तुम

वर्षा शर्मा

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