तलाक होने के बाद ससुराल में रखने का प्रश्न ही नहीं बनता और मायके में वहां भी तो अधिकतर तिरस्कार ही पाया !छोड़ी हुई औरत .,,।कितना भी जमाना आगे बढ़ गया हो लेकिन अभी भी छोटी-छोटी बातों में ऐसे नीचा दिखाया जाता है कि तलाकशुदा औरतों का कोई वजूद ना हो
पार्क में उदास बैठी रीना यही सोच रही थी ,तभी उसने देखा टूटे हुए पेड़ से भी बरसात के बाद हरी कोपल फूट गई हैं बस उसे एक उम्मीद की किरण नजर आई और
इतनी पढ़ी लिखी थी कि नौकरी का फॉर्म भरने के लिए चलदी अब उसने यह सोच लिया कि कभी किसी पर बोझ नहीं बनेगी
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शिक्षात्मक लघुकथा
आभार🙏 @sandeep ji
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