बेटी और बहु का दुःख

बेटी और बहू के दुखों को अलग-अलग समझने की मनोदशा कब हमारे समाज से दूर होगी

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 03 Oct, 2020 | 1 min read

पता नहीं ऐसे लोग शादी क्यों करते हैं ??जब अपनी जिम्मेदारी निभा नहीं सकते जब से शादी हुई है तब से वही दुख पा रही है| ऐसे निकम्मे आदमियों की पता नहीं घरवाले क्यों शादी कर देते हैं??? जानकी जी एक सांस में बोले जा रही हैं| हां गुस्सा भी बहुत है क्योंकि उनकी बेटी बहुत परेशान है, दामाद जी कुछ काम धाम करते नहीं है और उन्हीं की बेटी को पूरे घर का खर्च भी चलाना पड़ रहा है| और दामाद है तो उनके शौक भी हैं पीना पिलाना यह सब भी उसी को पूरा करना होता है| सच में बहूबहू विभा को भी सुन कर बहुत बुरा लग रहा है वह भी परेशान है कि क्यों ऐसे लोग जिंदगी में आ जाते हैं??तभी जानकी जी की एक सहेली आती है | जानकी जी अच्छे से चाय नाश्ता करा कर उनको भेजती है फिर बहू को बताती है कि ,बहुत परेशान रही है बेचारी सारी जिंदगी क्यों भगवान इतनी औरतों की परीक्षा लेता है??और वह तो इसके मायके वालों ने संभाल लिया नहीं तो कोई और होता है इसकी जगह तो जाने क्या करता , " तभी नशे में धुत होकर बेटा बैल पर बैल बजाए जा रहा था |जानकी जी ने भागकर दरवाजा खोला दरवाजे पर से ही चिल्लाई बहू कहां मर गई, जरा इसको बेड तक पहुंचा दें वैसे तो औरत को नाजुक कहा जाता है लेकिन इन परिस्थितियों में ना जाने कहां से उसमें हिम्मत आ जाती है, उसने पति को ऐसे ही बेड पर लिटा दिया तो माताजी चिल्लाई, "अरे जूते तो उतार दे बहू को गुस्सा तो बहुत आया लेकिन उसने चुपचाप क्लेश को ना बढ़ाने की वजह से जूते उतार  दिये | माता जी तो सो गई लेकिन बहू को नींद नहीं आई बहु पूरी रात परेशान रही क्या किया जाए ???|अभी तो 3 महीने ही हुए हैं शादी को ,अगले दिन जानकी जी उठी तो देखा बेटा चिल्ला रहा है वह बोली सुन ले बोल क्या कह रहा है ??बहू बोली माजी आप इनसे बात करो  कि ऐसे कब तक चलेगा |अब जानकी जी बेटे के पास आई और बोली क्या हुआ बेटा???कुछ नहीं बस परेशान  हूँ |क्या परेशानी है | कुछ है ऑफिस की, ऑफिस की क्या परेशानी है नौकरी अच्छी है सब कुछ अच्छा है| तू सच- सच बता शादी से पहले तो ऐसा नहीं था अब क्या हो गया? ??

क्या कोई गलती  हुई है विभा से,"

विभा जो अब तक चुपचाप सुन रही थी | फट पड़ी माजी 3 महिनो से आप मुझे देख रहे हो जिस तरीके से आप कह रहे हो ,मैं सब काम कर रही हूं, सभी रिश्ते अच्छे से निभा रही हूं | और आप यह क्या कह रही है कि शादी से पहले ऐसा नहीं था तो क्या मैं ने आ कर खराब कर दिया अभी तो दीदी की परेशानी सुनकर आप बोल रहे थे कि ऐसे लोगों के घर वाले क्यों शादी करते हैं ?? यह बात आप पर भी लागू होती है अगर आपकी बेटी परेशान हैं तो आप दुखी हो ,आपकी सहेली के साथ वही चीज हो रही है तो आप दुखी हो, और जब आपकी बहू के साथ वही चीज हो रही है तो आप बिल्कुल भी दुखी नहीं हो| यह कैसा नजरिया है आपका जो बहू के लिए अलग और बेटी के लिए अलग ,,माफ कीजिएगा, "मैं इस घर में नहीं रह पाऊंगी कोई भी मेरी गलती ना होने के बाद मुझ में गलती ढूंढी जा रही है |

...माफ कीजिए आप किसी को यह हक नहीं है| मैंने आपको मां समझा लेकिन आपने कभी बहू और बेटी को अलग नहीं समझा |चाहे परेशानी एक जैसी हो लेकिन बहू हमेशा बहू ही रहेगी और बेटी बेटी यह कहते हुए विभा अपना सामान लेकर निकल गई......,


क्या विभा ने सही किया क्यों बेटी और बहू के लिए नजरिया हमेशा अलग होता है ????


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Varsha Sharma

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