बिटिया की टाइम मशीन

एक काल्पनिक कहानी जो हंसाती, गुदगुदा आती है

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 11 Jun, 2020 | 1 min read

बरखा की बिटिया बड़ी हो गई है और दिन-रात साइंटिस्ट बनने की धुन सवार है| रोज कुछ ना कुछ एक्सपेरिमेंट करती रहती है|

वाह !!कितनी अच्छी दुनिया है! यह क्या अरे !!यहां तो मोबाइल भी है!!!लोग तो कहते थे कि यहां पर बहुत कष्ट मिलता है| बहुत बुरा सलूक होता है| लेकिन यहां तो बहुत अच्छा है |दुनिया भी सब बुरी बुरी बोलते रहते थे |लेकिन दुनिया भी इतनी बुरी नहीं थी| और यह तो स्वर्ग है |स्वर्ग के तो अपने मजे हैं देखो मेरे लिए एक थाली में कितने अच्छे फ्रूट आए हुए हैं|| अरे !वाह यह तो बहुत मीठे भी हैं और खाना भी टाइम पर मिल रहा है |यहां पर तो कुछ करना भी नहीं पड़ रहा है| सब लोग देखो कितने अच्छे सुंदर बने हुए हैं |और किसी को भी कुछ भी काम बोल दो सब कर देते हैं |हमें कुछ करना ही नहीं पड़ रहा| यहां तो बहुत मौज है| सब सुविधा तो है हां अरे यह क्या!??

मोबाइल मेरा मोबाइल और चार्जर भी है| चलो अच्छा हुआ अब तो टाइम ही टाइम है मेरे पास खूब आराम से फोन देखोगे| लेकिन यह क्या लिखा आ रहा है???फोन पर कि अगर मैं कोई रिप्लाई करूंगी तो मुझसे सारी सुविधा छीन ले जायेंगे | चलो मैं देखती हूं कि अब मेरी मौत पर कितने लोगों ने कमेंट किया है|, कोई रिप्लाई नहीं करूंगी मेरी तो मौज है कम से कम??तभी मन में सोचती है मिष्टि की काश!!मैं अपनी फेवरेट चीजें यहां पर मंगा सकती मेरा वह गुलाबी टॉप....इतना सोचा ही था रिया ने तुरंत उसके पास आ गया अरे!!वाह यहां पर जो मांगो वही पूरा हो रहा है| वह तो धरती से भी अच्छा ग्रह है यह क्या है??अरे !बस एक ऐसी मशीन हो कि मैं दोबारा से अपने घर चली जाऊँ और देख कर आऊँ कि मम्मी मुझे कितना याद कर रही है??भाई मेरा क्या सामान यूज़ कर रहा है??पापा ..पापा की तो याद आ रही है मुझे |यह क्या लाल बटन है| इसको दबाती हूं बटन को दबाते ही वह एक बहुत लंबी टाइम मशीन में घुस गई |जिससे नीचे होते होते वह अपने घर आ गई| उसने देखा बिस्तर पर लेटी हुई है |और मां उसको उठा रही है वह उठ नहीं रही बस मन ही मन मुस्कुरा रही है|कह रही है कि मां मैं तो स्वर्ग में हूं |मैं तो धरती से सीधा आसमान पर चली गई थी |आप मुझे क्यों परेशान कर रही हो???मैं तो सिर्फ आपको देखने आई हूं| कि आप परेशान तो नहीं हो आप तो मुझे ही परेशान कर रही हो| देखो मां मै कितनी सुंदर लग रही हूँ| अपने गुलाबी टॉप में तभी  बरखा ने गुस्से में एक गिलास उठाया नहीं माँ...यह क्या कर रही हो ????नहीं मा ना और मा ने एक गिलास पानी अपनी साइंटिस्ट बेटी के मुंह पर फेंक दिया| अब  मिष्टि का सपना टूट गया| और खुद की हालत देख कर हंसने लगी| बरखा ने पूछा और साइंटिस्ट बिटिया आज क्या बना दिया? ?? घर में उसकी हालत देखकर सभी हंसने लगे| लेकिन  उसने सोचा है कि वह 1 दिन ऐसी टाइम मशीन जरूर बना कर रहेगी|

कैसी लगी आपको यह काल्पनिक कहानी कमेंट में जरूर बताएं अगर आपको हंसी आई हो तो, मेरा लिखना सफल हुआ

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