दो बूंद की अहमियत

कई बार दो बूंदे पिलाने के लिए हम लोग काम को ज्यादा जरूरी समझते हैं लेकिन यह दो बूंद बच्चों को के लिए कितना जरूरी है यही समझाती हुई एक लघु कथा

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Varsha Sharma
Varsha Sharma 19 Oct, 2020 | 0 mins read



अरे !राजवीर आज नहीं तो कल चले जाना क्यों ज्यादा हो हल्ला किया हुआ है ??नहीं काका अपनी पोती को दो बूंद पिलाने से मैं नहीं चूक सकता मैं गांव के बच्चो को जबरदस्ती ले जाकर यह बूंद पिलवाऊंगा क्योंकि बूंद सी जिंदगी के लिए तरसा हूं. ....लंगड़ाते हुए राजवीर बोला. और चल दिया अपनी पोती को दो बूंद जिंदगी के पिलाने के लिए |

काम के चलते इसकी अनदेखी नहीं कर सकता क्योंकि उससे ज्यादा कोई इसकी अहमियत नहीं समझ सकता. . यह दो फोन जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण है

वर्षा शर्मा दिल्ली

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Varsha Sharma

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